शिमला, 29 जनवरी : हिमाचल के 26 वर्षीय युवक नरेश के लिए दुबई में समाजसेवी गिरीश पंत बजरंगी भाईजान के रूप में मिल गए। यही कारण है कि वो घर लौट आए हैं। मंडी जनपद की बलद्व़ाड़ा तहसील के जेहमत गांव में मां की आंखें खुशी से नम हैं। वहीं उन तमाम युवकों की टोली भी गिरीश पंत का बार-बार आभार प्रकट कर रही है, जिसने नरेश को घर लाने के मकसद से सोशल मीडिया में मुहिम छेड़ी हुई थी। दुबई से लौटा नरेश परिजनों के साथ एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने 31 दिसंबर को खबर प्रकाशित की थी। एक विदेशी युवती द्वारा बनाया गया वीडियो भी खबर के साथ अपलोड हुआ था। साफ तौर पर नजर आ रहा था कि कैसे 26 साल का बेटा विदेशी धरती पर अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है। फरवरी 2020 के बाद परिवार का बेटे से कोई संपर्क नहीं हुआ था। बेटे को घर लाने में सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, लेकिन दुबई में रह रहे समाजसेवी गिरीश पंत तक जब ये खबर पहुंची कि भारत के हिमाचल में एक परिवार अपने बेटे के घर लौटने की इंतजार में है, लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही। 26 वर्षीय युवक दो साल पहले फाइव स्टार में नौकरी के सिलसिले में दुबई गया था।
हिमाचल सरकार से मां की पुकार, दुबई में बेटे ने खो दिया है मानसिक संतुलन, वापस ला दो… वैश्विक महामारी के कारण लाॅकडाउन में होटल बंद हुए तो नौकरी खोनी पड़ी। भूख-प्यास से मानसिक तनाव के कारण याददाश्त भी खो बैठा था। भारतीय व्यवसायी व समाजसेवी गिरीश पंत ने नरेश की जानकारी जुटाई। पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर पहले नरेश को ढूंढा। लंबे अरसे बाद नरेश को तलाश लिया। बाकायदा उपचार भी करवाया। स्वास्थ्य स्थिर होने पर गिरीश पंत ने नरेश को अपने परिवार के पास वापस भेजने का इंतजाम किया। साथ ही दुबई पुलिस की तमाम औपचारिकताओं को भी पूरा किया। बता दें कि दुबई में गिरीश पंत बजरंग भाईजान के तौर पर ही मशहूर हैं, क्योंकि वो विदेशों में फंसे भारतीयों को घर पहुंचाने में अपनी एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। यहां तक की समुद्र में फंसे भारतीयों को भी घर पहुंचाने के लिए सरकार से समन्वय भी बनाया हुआ है। दीगर है कि 2019 में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा प्रवासी भारतीय सम्मान अवार्ड से गिरीश पंत को अलंकृत किया जा चुका है। ये सर्वोच्च एनआरआई अवार्ड माना जाता है। हिमाचली युवक को घर पहुंचाने की सफल कोशिश को लेकर दुबई के मीडिया में भी गिरीश पंत की खासी चर्चा है। Read More