बेहतर ज़िदगी की तलाश में दुबई गए उत्तर प्रदेश और बिहार के 11 लोग क़रीब नौ महीने तमाम तरह की पेरशानियां झेलने के बाद भारत लौट रहे हैं.
वे 25 दिसंबर को लखनऊ पहुंचेंगे, जहां से वे अपने-अपने घर के लिए रवाना हो जाएंगे.
इन लोगों की स्वदेश वापसी में मदद की दुबई में मानवाधिकार के लिए काम कर रहे गिरीश पंत ने.
पंत ने बीबीसी के रोहित जोशी को बताया कि इन लोगों को किसी कंपनी में काम करने के नाम पर दुबई लाया गया था. लेकिन जिस कंपनी में काम दिया गया वो कंपनी जल्द ही बंद हो गई.
मालिक के फ़रार होने के बाद ये लोग ओमान सीमा के पास ददना में रह रहे थे. लेकिन कंपनी पर बकाया होने के बाद उस जगह की बिजली काट दी गई और पुलिस ने इन्हें दुबई जाने को कह दिया.
दुबई में ये लोग 12 पाकिस्तानी नागरिकों के साथ एक बस में में बेहद अमानवीय हालात में रह रहे थे.
पंत ने इन लोगों के एक हफ़्ते तक नाश्ते-खाने की व्यवस्था की और पाकिस्तानी अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी.
यह ख़बर दुबई की मीडिया में आई अन्य लोग भी मदद के लिए आगे आए.
दुबई के एफएम रेडियो स्टेशन ‘हम’ के आरजे आफ़ताब ने एक रात इनके पास पहुंकर इनका मनोरंज भी किया.
पंत ने इन मज़दूरों के पासपोर्ट दिलवाए और इन पर लगा जुर्माना भी माफ़ करवाया.
कंपनी के प्रायोजक ने इन लोगों को भारत वापस जाने का टिकट दिया और अब ये मज़दूर वापस भारत लौट रहे हैं. Read More